सर्वाइकल कैंसर क्या होता है ? कारण, लक्षण और ईलाज I Cervical Cancer, Causes, Symptoms, & Treatment

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सर्वाइकल कैंसर भारत की महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। अकेले भारत में सर्वाइकल कैंसर की वजह हर साल लगभग 77000 से ज़्यादा महिलाओं की मौत हो जाती है। इस बीमारी से बचने का एक ही तरीका है वो है इस बीमारी के प्रति जागरूक हो कर। इस आर्टिकल में आप जानेंगे की सर्वाइकल कैंसर क्या होता है ? सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है ? सर्वाइकल कैंसर के क्या लक्षण है ? सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचा जा सकता है ? व सर्वाइकल कैंसर के किन लक्षणों पर मरीज़ को इलाज की ज़रूरत है ?

सर्वाइकल कैंसर क्या होता है ?

सर्वाइकल कैंसर क्या होता है ?

महिलाओं में, सर्विक्स (cervix) जिसे हिंदी में गर्भाशय ग्रीवा कहा जाता है ,गर्भाशय (uterus) को योनि (vagina) से जोड़ता है। सर्विक्स की कोशिकाओं में इन्फेक्शन, सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण होता है। यह इन्फेक्शन ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (human papillomavirus-HPV) के कारण होता है। 

आमतौर पर यह वायरस शरीर की इम्युनिटी द्वारा निष्क्रिय हो जाता है। मगर जिन महिलाओं की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनके शरीर में यह मर नहीं पाता। इसलिए 5% मामलों में यह शरीर में लम्बे समय तक बना रहता है और धीमे-धीमे शरीर में फैलता रहता है। लम्बे समय बाद यह वायरस सर्विक्स की कोशिकाओं में बदलाव लाकर उनके DNA को प्रभावित कर देता है। जिस कारण कोशिकाओं में गुणात्मक वृद्धि शुरू हो जाती है जो बाद में ट्यूमर का रूप ले लेती है। जैसा की सर्वाइकल कैंसर धीमे-धीमे बढ़ता है। इसलिए शुरूआती चरण में पता लगने पर इसका इलाज संभव है। 

सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) और सर्वाइकल (cervical) में क्या अंतर है ?

cervical cancer kya hota hai

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण 

शुरूआती चरण में सर्वाइकल कैंसर के कोई लक्षण नहीं दिखते। जब यह अच्छी तरह फ़ैल जाता है लक्षण तब ही नज़र आते है। जो कुछ इस प्रकार है -

- योनि से असामान्य तरीके से खून आना- जैसे यौन सम्बन्ध के बाद, मासिक धर्म के बीच, रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद भी। 

- यौन सम्बन्ध बनाते समय दर्द होना। 

- योनि से अजीब से स्राव का आना। जो पानीदार, खूनी या तेज़ गंध वाला हो सकता है। 

- पेडू या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना 

- पैरों में सूजन रहना 

- कमर में दर्द 

- पेट दर्द

- हाड़ियों में दर्द

- वज़न कम होना और भूख न लगना

- थकान रहना 

- पेशाब करने व मल त्यागने में परेशानी लगना 

डॉक्टर से कब संपर्क करे 

यदि योनि से असामान्य तरीके से खून आ रहा है जैसे कि यौन सम्बन्ध के बाद, मासिक धर्म के बीच, रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद भी। यह बिलकुल भी सामान्य बात नहीं है। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करना आवश्यक है। 

सर्वाइकल कैंसर के कारण

सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण HPV वायरस से संक्रमण होता है। जिसमे गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़ने लगती है और ट्यूमर की शक्ल ले लेती है। कुछ केसेस में यह विकृत कोशिकाएँ शरीर के अन्य भागों तक पहुंच कर कैंसर को फैला देती है। इसके साथ ही बहुत सी ऐसी परिस्थितियाँ भी है जब इस HPV वायरस के संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ जाता है। जैसे -

- लम्बे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना। 
 
- एक से अधिक लोगो के साथ यौन सम्बन्ध बनाना। 

- 18 साल से पहले या मासिक धर्म के एक साल भीतर यौन जीवन की शुरुआत कर लेना। 

-शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना - ऐसा व्यक्ति में संक्रमण से लड़ने की शक्ति नहीं होती। जिस वजह से HPV वायरस शरीर में रह जाता है और कुछ समय बाद कैंसर की स्थिति पैदा हो जाती है। 

- HPV का टीका ना लगा होना। 

-धूम्रपान की आदत होना - धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जो वायरस को मार नहीं पाती। 

- यौन संचारित रोग यानि STD के किसी रोग का पहले से होना भी संक्रमण की सम्भावना को बढ़ा देता है। 

सर्वाइकल कैंसर का इलाज 

सर्वाइकल कैंसर का पता करने के लिए मुख्यत 2 टेस्ट किये जाते है -

1. पैप टेस्ट (pap test )- इस टेस्ट में डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा (cervix) से कुछ कोशिकाओं का सैंपल लेता है। फिर इन कोशिकाओं को माइक्रोस्कोप देखकर यह जांचा जाता है की इन कोशिकाओं की सरंचना में खासकर DNA में कोई विकृत बदलाव तो नहीं है। 

यदि कोशिका की सरंचना में बदलाव पाया जाता है तो फिर इन कोशिकाओं को बाईओप्सी (biopsy) के लिए आगे भेजा जाता है। जहाँ इन्हें कैंसर की मौजूदगी के लिए जांचा चाहता है। 

2. HPV टेस्ट - HPV टेस्ट में गर्भाशय ग्रीवा (cervix) से कुछ कोशिकाओं का सैंपल लिया जाता है। जिनमे HPV वायरस के संक्रमण की जांच की जाती है। 

सर्वाइकल कैंसर का पता चलने के बाद डॉक्टर अपने हिसाब से इसका इलाज शुरू करते है। जिनमे दवाओं के साथ कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरेपी आदि शामिल है। 

सर्वाइकल कैंसर बचने के उपाय 

सर्वाइकल कैंसर के लिए यह ज़रूरी है की शुरुआत से नियमित तौर पर रोकथाम के लिए ज़रूरी कदम उठाये जाए। जिसके लिए निम्लिखित कदम उठाये जा सकते है। 

HPV का टीका लगवाए - HPV का टीका लगवाना इसके संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि शरीर में संक्रमण रहेगा ही नहीं तो बाद में इसके कैंसर में बदलने की संभावना भी नहीं बचती। 

यौन सम्बन्ध सोच-समझकर बनाये - हमेशा एक से अधिक लोगो के साथ यौन सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए क्योकि ऐसे में इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत अधिक रहता है। 

धूम्रपान करना छोड़ दे - धूम्रपान हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को घटा कर इसकी रोगो से प्रभावित होने की संभावना को बड़ा देता है। 

पैप टेस्ट (pap test) हर कुछ सैलून के अंतराल पर पैप टेस्ट करते रहना चाहिए। इस टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत पर नज़र रखने सुविधा रहती है। शुरूआती चरण में पता चलने पर इलाज के लिए सही कदम उठाकर इसको रोका जा सकता है। 

सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाये -जब भी यौन सम्बन्ध स्थापित करे तो कंडोम का उपयोग करे। ताकि इन्फेक्शन शरीर में प्रवेश ना कर सके। 

भारत में सर्वाइकल कैंसर की वजह से अधिक मौतों का कारण 

हर साल भारत में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 1,23,907 नए केस दर्ज किये जाते है। जिनमे से 77,348 मामलों में मरीज़ की मौत हो जाती है। यदि विश्व स्तर पर बात करे तो सर्वाइकल कैंसर की मृत्यु दर 9.1% है। मगर भारत में यह दर बहुत ज़्यादा है। विश्व भर में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल मौतों में 25% मौतें अकेले भारत में हो जाती है। जिसके कई कारण है। 

1. भारत में एक बड़ी आबादी को गरीबी के कारण मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं है। जिस कारण  इस तरह के कैंसर के मामले सही समय पर सामने ही नहीं आ पाते। जब तक वे सामने आते भी है तब तक बीमारी फ़ैल चुकी होती है। 

2. भारत के पिछड़े इलाकों में फैली रूढ़िवादिता महिलाओं को खुलकर इस बीमारी के बारे में बताने से रोक लेती है क्योकि वहाँ यौन से जुड़ी समस्याओं को किसी को बताना भी अपमान जनक समझा जाता है। 

3. कई बार जागरूकता की कमी की वजह से भी महिलाएं समझ नहीं पाती की कब उन्हें इलाज की ज़रूरत है। 

4. कई बार महिलाएं नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच जाती है। मगर वहाँ आवश्यक टेस्ट जिनसे बीमारी का पुख्ता कारण पता लगे उपलब्ध ही नहीं होते है। सही इलाज के लिए बहुत दूर तक पहुंचना बहुत बात महिलाओं के मौजूदा संसाधनों की पहुंच से दूर हो जाता है। 

कुछ सवाल 

1. औरत में सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है?

महिलाओं में, सर्विक्स (cervix) जिसे हिंदी में गर्भाशय ग्रीवा कहा जाता है ,गर्भाशय को योनि से जोड़ता है। इसी सर्विक्स की कोशिकाओं में  ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (human papillomavirus-HPV) का इन्फेक्शन, सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। अधिकतर महिलाओं में यह संक्रमण होता मगर सिर्फ 5% महिलाये ही ऐसी होती जो इस संक्रमण से लड़ नहीं पाती और वायरस शरीर में रह जाता है। सालों बाद यह सर्विक्स का कैंसर कर देता है। 

2. सर्वाइकल कैंसर का कैसे पता चलता है?

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण बहुत समय बाद दिखाई देते है मगर तब तक यह कैंसर शरीर को प्रभावित कर चुका होता है। इसलिए उस समय इलाज के विकल्प सिमित हो जाते है। यदि नियमित कुछ साल के अंतराल पैप टेस्ट करवाते रहे तो ये बहुत जल्दी पकड़ में आ जाता है। तब इसका सफलतापूर्वक इलाज भी संभव है।  

3. सर्वाइकल कैंसर कितना खतरनाक है ?

यदि समय पर इसके निदान के लिए कदम ना उठाये जाए तो यह बहुत खतरनाक है। हर साल भारत में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 1,23,907 नए केस दर्ज किये जाते है। जिनमे से 77,348 मामलों में मरीज़ की मौत हो जाती है। यदि विश्व स्तर पर बात करे तो सर्वाइकल कैंसर की मृत्यु दर 9.1% है। मगर भारत में यह दर बहुत ज़्यादा है। विश्व भर में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल मौतों में 25% मौतें अकेले भारत में हो जाती है।

4. सर्वाइकल का क्या मतलब होता है?

सर्वाइकल कैंसर- यह महिलाओं की योनि और गर्भाशय के बीच मौजूद सर्विक्स (cervix ) यानी गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला एक कैंसर है। यह सिर्फ महिलाओं में ही मुमकिन है।

सर्वाइकल- इसका पूरा नाम सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस है। इसमें रीढ़ की हड्डी (spin) में जो गर्दन के हिस्से की हड्डियाँ होती है उनमे असामान्य वृद्धि होने लगती है। जिससे नसे दबने लगती है और दर्द होता है। यह सिर्फ महिलाओं में ही मुमकिन है।

Edited By -

Dr. Dolly