चिकन खाने के 8 ज़बरदस्त फायदे-Health benefits of chicken in Hindi

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यदि आप भी चिकन खाने के शौक़ीन है। तो यह बहुत ज़रूरी है की आपको चिकन खाने के फायदे वनुकसान  दोनों ही अच्छी तरह पता होने चाहिए। तभी आप इसे सही तरह अपने खाने में शामिल कर पाएंगे। सही तरह से मतलब है की आपको चिकन का कौन सा हिस्सा खाना चाहिए ? आपको इसे किस तरह पकाना चाहिए ? आपको 1 हफ्ते में कितनी बार चिकन खाना चाहिए ? आदि। 

chicken khane ke fayde in hindi


भारत में खाये जाने वाले मांस में चिकन का सेवन अत्यधिक किया जाता है क्योकि यह मीट के सस्ते विकल्पों में से  एक है। 2013 से 2023 तक पोल्ट्री मीट की खपत में लगभग 54% की बढ़त देखने को मिल रही है। 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एक व्यक्ति औसतन सालाना 3.5 kg चिकन खा लेता है जो विदेशो के मुकाबले अब भी काफी कम है। विदेश में यह आकड़ा प्रति व्यक्ति 14.5 kg है। 

चिकन के पोषक तत्व 

/100 ग्राम चिकन :

ऊर्जा: 158 कैलोरी
प्रोटीन: 32.1 ग्राम
वसा: 3.24 ग्राम
सैचुरेटेड फैटी एसिड: 1.01 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल: 116 मिलीग्राम
कार्बोहाइड्रेट: 0 
खनिज: कैल्शियम, मैग्नीशियम,आयरन, फास्फोरस, सोडियम, सेलेनियम,ज़िंक,कॉपर, मैंगनीज और पोटेशियम
विटामिन: विटामिन बी (थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पैंटोथेनेट, सायनोकोबालामिन, पाइरिडोक्सल) और विटामिन ई

चिकन को इतना पसंद इसके कई गुणों की वजह से किया जाता है। आइये जान लेते है chicken ke health benefits -

1. प्रोटीन का खज़ाना है 

चिकन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है जबकि चर्बी ना के बराबर होती है । प्रोटीन हमारे शरीर के लिए कितना उपयोगी है यह आप नीचे लिखी प्रोटीन की शरीर में भूमिका पढ़कर समझ जाएंगे। 

आइये प्रति 100 ग्राम के आधार पर हमारी दिनचर्या में मौजूद खाने की चीज़ों को देखते है और यह जानते है की चिकन और अन्य खाद्य पदार्थो की तुलना में चिकन कितना अधिक प्रोटीन देने में सक्षम है। 

प्रति 100 ग्राम                                         प्रोटीन आपूर्ति 

चिकन (बिना घी तेल का पका हुआ)        -        31 ग्राम
पनीर                                                     -       18 ग्राम
दाल (दाल, पकी हुई)                              -        9 ग्राम
चना (पका हुआ)                                     -       8 ग्राम
मूंग दाल (पकी हुई)                                -       7 ग्राम
तुअर दाल (पकी हुई)                              -       7 ग्राम
उड़द दाल (पकी हुई)                             -       7 ग्राम
राजमा (किडनी बीन्स, पकी हुई)             -       8 ग्राम
चना मसाला (छोले के साथ)                     -      19 ग्राम
टोफू (पका हुआ)                                   -        8 ग्राम
सोया चंक्स (पका हुआ)                          -       17 ग्राम
 
यह लिस्ट बताती है की ज़्यादातर चीज़ो के मुकाबले चिकन में भरपूर प्रोटीन मौजूद होता है। यानी, यदि हम किसी और खाद्य पदार्थ जैसे दालें, पनीर आदि खाकर अपनी दैनिक प्रोटीन की ज़रूरत को पूरा करना चाहेंगे तो हमे उसकी बहुत ज़्यादा मात्रा खानी होगी, जो कर पाना हमारे लिए मुश्किल होता है। यही कारण है हम अपनी दैनिक प्रोटीन की ज़रूरत को पूरा नहीं कर पाते।  

एक व्यक्ति को रोज़ कितना प्रोटीन लेना चाहिए ?

हमे कितने प्रोटीन की प्रतिदिन आवश्यकता होती है यह कोई तय मात्रा नहीं है। प्रतिदिन प्रोटीन की ज़रूरत कई  कारणों जैसे व्यक्ति के लिंग, वज़न, लम्बाई, उम्र व दिनचर्या के ढंग पर निर्भर करती है। 

एक औसत व्यक्ति को प्रतिदिन अपने वज़न का 0.8 % प्रोटीन चाहिए होता है।

कुल वज़न (kg ) x 0.8 % = रोज़ाना प्रोटीन की आवश्यकता
 
मान लीजिये यदि आपका वज़न 70 kg है तो 

70 kg x 0.8 % = 56 gm 

यानि आपको रोज़ 56 gm प्रोटीन की आवश्यकता होगी। 





शरीर में प्रोटीन की क्या भूमिका है ?

प्रोटीन शरीर के लिए बहुत ज़रूरी पोषक तत्व है। हमारा शरीर निम्न क्रियाओं में प्रोटीन का इस्तेमाल करता है -

  • प्रोटीन कनेक्टिव टिश्यू जैसे कोलेजन , इलास्टिन व केराटिन आदि के निर्माण के लिए मुख्य घटक है। यह सभी connective tissues हमारी त्वचा, नाखून, बाल, हड्डियाँ, धमनियाँ आदि को एक सतही सरंचना प्रदान करते है। 
  • प्रोटीन चयापचय(metabolism) को support करने वाले enzymes भी बनाता है जो metabolism को तेज़ करके खाने को जल्दी पचने में मदद करता है। 
  • प्रोटीन कई प्रकार के ऐंटीबॉडीज़ का निर्माण करता है जो संक्रमण से लड़कर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते है। 
  • प्रोटीन कुछ transport protiens बनाता है जो शरीर में ऑक्सीजन व अन्य minerals का परिवहन करके पूरे शरीर में पोषक तत्वों का फैलाव करते है।  
  • जब भी शरीर निराहार (starving condition ) की अवस्था में जाता है तो प्रोटीन शरीर के लिए आखिरी ऊर्जा स्त्रोत की तरह काम करता है। 
बढ़ती उम्र के लोग, बहुत मांसपेशीय मेहनत करने वाले लोग जैसे मजदूर आदि व बच्चो को सबसे ज़्यादा प्रोटीन की ज़रूरत होती है। इसलिए इनके खाने में चिकन को शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प है। 

2. वज़न घटाने में उपयोगी व पाचन क्रिया को तेज़ करता है 

आमतौर पर आपने देखा होगा की Gym इंस्ट्रक्टर, डायटीशियन आदि जब आपको वज़न घटाने की टिप्स देते है तो वो आपको high protien diet लेने पर ज़ोर देते है। वे ऐसा इसलिए कहते है क्योकि प्रोटीन से भरपूर भोजन की कम मात्रा भी आपकी भूख को शांत करके आपको तृप्ति का एहसास कराने में सक्षम है। 

chicken khane ke fayde in hindi


इसलिए जो लोग वज़न घटाना चाहते है उन्हें हमेशा यही कहा जाता है की वे high protien खाना खाए क्योंकि यह  ज़्यादा खाना खाने की इच्छा को कम कर देता है। इस तरह आप अधिक खाने की वजह से बढ़ने वाले वज़न को बिना भूख में तड़पे भी रोक पाते है। 

आखिर ज़्यादा प्रोटीन खाने से भूख कम कैसे लगती है ?

प्रोटीन निम्न तरीको से हमे भूख का कम एहसास करवाता है व तृप्त महसूस करवाता है। 

तृप्ति हॉर्मोन को बढ़ावा देना - high protien food शरीर में peptide एमिनो एसिड व glucagon हॉर्मोन के रिसाव को खून में बढ़ा देता है। यह दोनों मॉलिक्यूल हमे तृप्ति का एहसास कराते है। यही कारण है प्रोटीन युक्त खाना कम मात्रा में भी भूख से तृप्ति महसूस करा पाता है। 

ब्लड-शुगर लेवल को स्थिर रखता है - खाना खाने  के बाद इसमें मौजूद macronutrients जैसे carbohydrate, fat व protien सिंपल compunds जैसे amino acids, glucose, fatty acids आदि  में टूटकर शरीर को ज़रूरी पोषण देते  है। 

जब प्रोटीन को कम carbohydrate के साथ लिया जाता है तो यह पेट में धीरे-धीरे पचता है और खून में शुगर मॉलिक्यूल्स का कम रिसाव होने देता है। इस तरह यह खाने के बाद अचानक बढ़ने वाले ब्लड-शुगर लेवल को रोक लेता है व उसे स्थिर बनाये रखता है 

लेप्टिन हॉर्मोन को बढ़ाता है - लेप्टिन हॉर्मोन शरीर में भूख व ऊर्जा स्तर के बीच संतुलन बनाता है। खून में leptin hormone का कम होना मस्तिष्क को यह संकेत देता है की शरीर के पास ऊर्जा की कमी है। इस प्रकार मस्तिष्क भूख लगने के संकेत पैदा करता है। 

उच्च प्रोटीन भोजन खून में लेप्टिन हॉर्मोन के स्त्राव को बढाकर मस्तिष्क को संकेत देता है की शरीर के पास भरपूर ऊर्जा है और इस तरह हमे भूख नहीं लगती।  

हाई थर्मिक इफ़ेक्ट ऑफ़ फ़ूड - अपने उच्च तापीय प्रभाव (Thermic effect of food) की वजह से कार्बोहइड्रेट व वसा के मुकाबले प्रोटीन को metabolise करने में शरीर को अधिक ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। आप यूँ समझ सकते है की कार्बोहइड्रेट व वसा के मुकाबले प्रोटीन के परमाणु (atoms) अधिक मज़बूती से एक दूसरे से जुड़े होते है। जिस वजह से प्रोटीन molecules बहुत अधिक ऊर्जा व्यय के बाद ही टूटकर अपने पोषक तत्वों को छोड़ते है। यही वजह है की प्रोटीन युक्त भोजन अच्छी तरह metabolise होकर हमे तृप्ति का एहसास कराता है 

 3. ह्रदय के लिए गुणकारी  

चिकन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और चर्बी ना के बराबर, जो इसे ह्रदय के लिए फायदेमंद बनाता है। 
लाल मीट की अपेक्षा में चिकन में सैचुरेटेड फैटी एसिड्स बहुत कम होते है। 

Saturated fatty acids शरीर में LDL(Low density Cholestrol) या जिसे हम Bad कोलेस्ट्रॉल भी कहते है उसे बढ़ा कर रक्त धमनियों को संकरा कर के ब्लड प्रेशर को बढ़ा देते है। जो ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों का एक मुख्य कारण है। 

chicken khane ke fayde in hindi


चिकन में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और नियासिन (niacin/vit-B3) जो एक प्रकार का विटामिन-B है।  दोनों शरीर में Good कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है व Bad कोलेस्ट्रॉल को घटाता है। इस तरह चिकन खाना अंततः हार्ट प्रॉब्लम को दूर रखता है । यूँ तो चिकन में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की मात्रा सिर्फ 0.3-0.6 mg तक ही होती है। मगर फिर भी यह ह्रदय को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

चिकन में मौजूद सेलेनियम और विटामिन-B6 & B12 ह्रदय की मांसपेशीय दीवार व रक्त धमनियों को स्वस्थ रखने में सहायक है। साथ ही यह होमोसिस्टिएन (homocysteine) नाम के कंपाउंड को बढ़ने से रोकता है जो दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है। 

4. तनाव को कम करके मूड को बेहतर रखता है 

चिकन में एक खास तरह का एमिनो एसिड मौजूद होता है जिसे tryptophan कहा जाता है। ट्रिप्टोफैन खून में सेरोटोनिन (serotonin) हॉर्मोन जिसे "feel good" हॉर्मोन भी कहा जाता है, उसकी मात्रा बढ़ा कर आपके मूड को बेहतर रखता है। 

5. हड्डियों व दांतों में मज़बूती 

चिकन में मौजूद विटामिन-डी, कैल्शियम व फॉस्फोरस हड्डियों व दांतों को मज़बूत रखने में काफी उपयोगी होते है। 

चिकन में काफी प्रोटीन होता है जो शरीर में कोलेजन नाम के संयोजी ऊतकों का निर्माण करके हड्डियों की सरंचना में महत्वपूर्ण है। 

चिकन ज़िंक, आयरन व कॉपर का भी अच्छा स्रोत है जो Bone mineral density को सही रखकर हड्डियों को ठोस और ताकतवर रखता है।  

6. खून की कमी को हटाता है व आँखों की रौशनी बढ़ाता है  

चिकन में आयरन मौजूद होता है जो शरीर में खून की कमी नहीं होने देता है। साथ ही इसमें विटामिन-ए भी पाया जाता है जो आँखों की रौशनी बढ़ाता है। 

7. मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है 

चिकन में विटामिन-बी 12 , cholin, प्रोटीन व tryptophan आदि एमिनो एसिड्स मौजूद होते है। जो मस्तिष्क की मेमोरी व cognitive पावर को बढ़ाता है और साथ ही दिमाग को थकन का कम एहसास कराता है। 

chiken khane ke fayde


(cognitive power-का मतलब है दिमाग को मिलने वाली सूचनाओं को समझने, इकठ्ठा करने व उसके अनुरूप कार्य करने की क्षमता)

8. भ्रूण विकास में सहायक 

कोलीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान इसकी आवश्यकता होती है ताकि बच्चे का संज्ञानात्मक कार्य और मेमोरी ठीक से विकसित हो सके। चिकन इसमें एक अच्छा स्रोत है, और इसे गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

अंत में कुछ सवाल-


1. हमे चिकन का कौन सा हिस्सा खाना चाहिए ?


चिकन में चिकन ब्रैस्ट सबसे ज़्यादा फायदेमंद होता है क्योकि इसमें प्रोटीन सबसे ज़्यादा और चर्बी ना के बराबर होती है।  100 gm चिकन ब्रेस्ट (स्किन व हड्डी मौजूद ना हो) में 31 gm प्रोटीन व 3.6 gm चर्बी होती है जबकि चिकन थाई (लेग पीस) में 26 gm प्रोटीन व 14 gm चर्बी मौजूद होती है। इसलिए चिकन ब्रेस्ट लीन मीट यानि बिना चर्बी के मीट का अच्छा स्रोत है।  

2. 1 हफ्ते में कितनी बार चिकन खाना चाहिए ?


चिकन खाने की कोई तय मात्रा नहीं हो सकती। यह व्यक्ति की उम्र, लम्बाई, वज़न, दिनचर्या व अन्य सेहत सम्बन्धी स्थितियों पर निर्भर करता है। चिकन प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। 100 gm स्किनलेस और बोनलेस चिकन में करीब 31 gm प्रोटीन मौजूद होता है, और एक औसत स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन अपने वज़न का 0.8% प्रोटीन चाहिए होता है। इसी से आप 1 हफ्ते में चिकन खाने की मात्रा सुनिश्चित कर सकते है। ध्यान रहे आप के खाने में मौजूद दालें, दूध, पनीर, सोयाबीन आदि भी कुछ न कुछ मात्रा में आपको प्रोटीन देते है। फिर भी हम कह सकते है की हफ्ते 2-3 बार चिकन खाया जा सकता है। 

3. मुर्गे के मांस में कौन सा विटामिन पाया जाता है ?


मुर्गे का मांस विटामिन्स और मिनरल्स का खज़ाना है। इसमें विटामिन-B फैमिली के लगभग सभी विटामिन्स-B2, B3, B5, B6, B12 व विटामिन-A भी मौजूद होता है। यह सभी विटामिन्स मस्तिष्क को स्वस्थ रखते है, पाचन क्रिया को तेज़ करते है, ऊर्जा के स्तर को संतुलित रखते है व आँखों की रौशनी बढ़ाते है। 

4. क्या चिकन सेहत के लिए अच्छा है ?


जी हां, चिकन खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। चिकन में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है और चर्बी ना के बराबर। इसलिए चिकन लीन मीट यानी कम चर्बी वाले मीट का बेहतर और सस्ता विकल्प है जो ह्रदय के लिए काफी फायदेमंद है । चिकन में ढेरो विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते है जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखते है, पाचन क्रिया को तेज़ करते है, ऊर्जा के स्तर को संतुलित रखते है, आँखों की रौशनी बढ़ाते है, हड्डियों  दांतों को मज़बूत रखते है और मूड को भी बेहतर बनाता है।