कॉफ़ी पीना खतरनाक है या सेहतमंद ? जाने कॉफ़ी पीने के फायदे-नुकसान- Health Benefits Of Coffee In Hindi

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आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग सिर्फ energy पाने के लिए कॉफ़ी नहीं पीते, बल्कि कॉफ़ी पीना एक status symbol भी बन गया है। यही वजह है लोग तनाव को कम करने व खुद को ऊर्जावान रखने के लिए भी कॉफ़ी का सेवन करते है। इन्हीं कोशिशों में वो कब कॉफ़ी के आदी हो जाते है उन्हें पता ही नहीं चलता। जिस कारण फिर उन्हें ज़्यादा कॉफ़ी पीने के नुकसान उठाने पड़ते है। मगर यदि आपको पता हो की कितनी कॉफ़ी पीना शरीर के लिए ठीक है या कितनी कॉफ़ी शरीर को नुकसान पहुँचाती है तो आपके लिए अपने दिनभर के कॉफ़ी के cups manage करना आसान हो जायेगा और आप बिना किसी टेन्शन के कॉफ़ी का मज़ा ले सकते है।  इस आर्टिकल में आप कॉफी पीने के फायदे व नुकसान जान लेंगे। 

coffee peene ke fayde

एक कॉफ़ी लवर के लिए दिन की शुरुआत यदि एक प्याला कॉफ़ी के साथ हो जाए तो कहने ही क्या। मगर सुबह उठकर खाली पेट कॉफ़ी पीना क्या सही है ? यह सवाल अकसर लोगो को परेशान करता है। ऐसे ही कई और सवाल जैसे-दिन में अधिकतम कितनी कप कॉफ़ी हमारी सेहत पर कोई बुरा असर नहीं डालती? कॉफ़ी पीने का सही तरीका व समय क्या होना चाहिए ? हमे दूध वाली कॉफ़ी पीनी चाहिए या ब्लैक कॉफ़ी? या इंस्टेंट कॉफ़ी कम नुकसानदायक है या फिल्टर्ड ? आगे इन सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे । 

कॉफ़ी को एक एनर्जी बूस्टर ड्रिंक की तरह देखा जाता है। लोग खुद को चुस्त रखने व दिमाग को एकाग्र रखने के लिए कॉफ़ी का सेवन करते है। बीते सालों में हुए कुछ शोध बताते है की ज़्यादा कॉफ़ी कई बिमारियों जैसे अनिद्रा, घबराहट, बेचैनी, पेट खराब, मतली, पानी की कमी, चक्कर, उल्टी आदि का कारण बन सकती है।

मगर कुछ समय पहले हुए कुछ शोध इस नतीजे पर भी पहुंचे है की यदि coffee को सही मात्रा में लिया जाए तो इसके कई Health Benefits भी है। अपने ताज़ा आर्टिकल में हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ कहता है की यदि कोई व्यक्ति दिन में 3-5 कप कॉफ़ी का सेवन कर रहा है तो यह बहुत हद तक मुमकिन है वो टाइप-2 डायबिटीज़, ह्रदय सम्बंधित रोग, डिप्रेशन, लीवर सम्बंधित बीमारियों, Endometrial cancers (महिलाओं के गर्भाशय की दीवार का कैंसर), Parkinson’s disease, Alzheimer आदि दिमाग से सम्बंधित रोगो से 40 % कम प्रभावित होगा । 

कॉफ़ी के पोषक तत्व (Nutritional Contents Of Coffee)-

आईए जान लेते है की कॉफ़ी में ऐसा क्या मौजूद है जो इसको इसकी सेवन करने की मात्रा के हिसाब से  गुणकारी और हानिकारक बना देता है। 

ब्लैक कॉफ़ी का एक कप जो माप में करीब 240-250 ग्राम हो उसमे -

सोडियम -        4.8 mg 
पोटासियम -    118mg 
मैग्नीशियम -    7.2mg 
कैलोरी -         2.4 
चर्बी -             0 
प्रोटीन -          0 
कार्बोहाड्रेट -   0 
शुगर -            0 
फाइबर -        0 
कैफीन -         70 -140mg

ऊपर दिए गए सभी पोषक तत्वों की मात्रा ज़्यादा हो जाती है जब आप शुद्ध ब्लैक कॉफ़ी में चीनी, कोई अन्य स्वीटनर, क्रीम, दूध, इत्यादि मिला देते है। 

कैफीन कॉफ़ी का सबसे मुख्य घटक है जिसकी मात्रा कॉफ़ी के ब्रांड व बनाने के ढंग की वजह से एक कप में 70 -140mg तक हो सकती है। पीसी हुई कॉफ़ी के जितने पार्टिकल आपके कप में ज़्यादा होंगे आपके कप में कैफीन उतना ही ज़्यादा होगा। इसी कारण ड्रिप या फिल्टर्ड कॉफ़ी में कैफीन की मात्रा एस्प्रेसो या इंस्टेंट कॉफ़ी के मुकाबले काफी अधिक होती है। 

कॉफ़ी पीने के फायदे (Health Benefits Of Coffee)

1. उम्र बढ़ने से रोकती है साथ ही ह्रदय रोग व कैंसर से भी बचाती है 

कॉफ़ी में कुछ एंटीऑक्सीडेंट जैसे हाइड्रोसिनेमिक एसिड और पॉलीफेनोल्स-12 मौजूद है । आइये जानते है की ये एंटीऑक्सिडेंट्स हमारे शरीर के लिए किस प्रकार लाभकारी है। 

एंटीऑक्सिडेंट्स मुख्यतः शरीर से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को हटाने में मदद करते है। ऑक्सीडेटिव तनाव का मतलब है हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स का बढ़ जाना। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर, हृदय रोग जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं। इसलिए हमारे भोजन में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होने चाहिए।

पढ़िए - ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस क्या है ? व यह कैसे हमारे शरीर को प्रभावित करके हमे बूढा व बीमार करता है 

एक औसत व्यक्ति को प्रतिदिन 1-2mg एंटीऑक्सिडेंट्स की आवश्यकता होती है। इसलिए हमे ऐसा खाना खाना चाहिए जिसमे भरपूर एंटीऑक्सिडेंट्स हो। प्रकृति में यूँ तो एंटीऑक्सिडेंट्स के शाकाहारी और माँसाहारी दोनों स्रोत मौजूद है।  मगर इसमें आपकी पसंदीदा कॉफ़ी भी कोई कम गुणकारी नहीं। 

रोज़ाना 3-5 कप कॉफ़ी हमारी प्रतिदिन की 80% एंटीऑक्सिडेंट्स की ज़रूरत को पूरा कर देती है। इस प्रकार ये हमारी उम्र को बढ़ने से रोकने में सक्षम है। साथ ही यह ह्रदय रोग व कैंसर जैसी बीमारियों से भी हमे बचा लेती  है। इसलिए रोज़ाना 3-5 कप कॉफ़ी की आदत एक सेहतमंद आदत है। जिसके साथ हल्का व्ययाम भी ज़रूरी है। अगली बार कॉफ़ी का कप उठाते हुए ज़्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं।

2. ऊर्जावान रखने में मददगार 

coffee peene ke fayde


यह तो हम सभी जानते है की कॉफ़ी पीना मतलब खुद को चुस्त रखना। लोग इसलिए ही कॉफ़ी को पसंद करते है। आइये जान लेते है की कॉफ़ी हमे ऊर्जा कैसे देती है ? 

कॉफ़ी में एक मुख्य घटक होता है कैफीन, जो कॉफ़ी से मिलने वाली ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। शरीर में पहुंचने पर यह कैफीन बहुत जल्दी अवशोषित (absorb) यानी पच जाता है। ASCPT के एक आर्टिकल के मुताबिक़ खाने में किसी भी प्रकार लिया गया कैफीन शरीर में पहुँचने के 45 मिनट के भीतर 99% अवशोषित हो जाता है। जिसके बाद यह खून के रास्ते मस्तिष्क तक पहुँचता है। 

मस्तिष्क में यह एक उत्तेजक के तौर पर काम करके कुछ तंत्रीय कोशिकाओं को अवरुद्ध करता है। जिसके परिणामस्वरूप ये नींद को दूर भागकर आपको एकाग्र कर देता है। साथ ही यह खून में डोपामाइन और एड्रेनालाईन नाम के रसायन को भी बढ़ा देता है जो हमे स्फूर्ति, उत्तेजना, एकाग्रता का अनुभव कराते हुए थकने की अनुभूति से दूर रखते है। 

एक औसत व्यक्ति प्रतिदिन में 400mg कैफीन ले सकता है। इस मात्रा तक यह आपकी सेहत पर कोई बुरा असर नहीं डालता। यह मात्रा अगर कॉफ़ी के अनुपात से मापी जाए तो दिन में 3-5 कप कॉफ़ी के बराबर ही होगी। 

मगर गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाली महिलाओं को यह मात्रा >200mg से नीचे ही रखनी चाहिए। वरना गर्भपात व जन्म देने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना कर पड़ सकता है। 

3. दिमाग सम्बन्धी बिमारियों व डिप्रेशन को कम करती है 

ऊपर हमने पढ़ा की कॉफ़ी में मौजूद कैफीन एक उत्तेजक के तौर पर काम करता है और शरीर को  ऊर्जावान बनाता है। इस प्रकार यह डिप्रेशन जैसी समस्याओं से झूझ रह लोगो को कुछ समय के लिए राहत देती है। साथ ही हारवर्ड स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ की एक रिसर्च कहती की प्रतिदिन कैफीन का सेवन कर रहे लोगो में 20% कम डिप्रेशन देखने को मिलता है। 

सालों तक कॉफ़ी का सही मात्रा में प्रतिदिन सेवन Parkinson’s disease, Alzheimer आदि दिमाग से सम्बंधित रोगो से बचाता है व मूड को बेहतर रखता है। 

4. वज़न घटाने में सहायक 

कैफीन की वजह से कॉफ़ी metabolism को काफी तेज़ कर देती है। जिस कारण यह शरीर से चर्बी को घटा कर वज़न कम करने में सहायक हो सकती है। 

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मगर यह तभी मुमकिन है जब आप कॉफ़ी को सही मात्रा व सही तरीके से ले। अगर आप यह सोच रहे की सिर्फ आप कॉफ़ी पिएंगे और आपका वज़न घट जायेगा तो यह एक गलत धारणा है क्योकि कॉफ़ी वज़न घटाएगी या नहीं यह निर्भर करता है की आप कॉफ़ी किस तरह पी रहे है। क्या आप उसमे स्वीटनर मिलाते है। अगर हाँ, तो कितना ? या आप इसे दूध या क्रीम के साथ ले रहे है ? यह सभी चीज़े कॉफ़ी में कैलोरी को बढ़ा देती है। 

ब्लैक कॉफ़ी के फायदे तभी है जब आप इसके साथ पौष्टिक खाना और प्रतिदिन व्यायाम का रूटीन रखे तो ही आप इस से कोई फायदा उठा सकते है।  

5. लिवर को स्वस्थ रखती है 

प्रतिदिन कॉफ़ी पीना लिवर पर एक सकारात्मक असर डालता है। कैफीन के उत्तेजन से मस्तिष्क खून में ऐसे रसायन छोड़ता है जो लिवर में मौजूद चर्बी तोड़ने वाले एन्ज़ाइम्स को उत्तेजित कर देते है। फिर यह एन्ज़ाइम्स लिवर में मौजूद चर्बी को तोड़ देते है और लिवर को फैटी होने से बचा लेते है। जो लिवर में कैंसर होने की संभावना घटा देता है।  

6. टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को रोकती है 

अमेरिकन डायबिटीज असोसिएशन के आर्टिकल के मुताबिक, 2009 की एक रिसर्च में 40,000 लोगो पर प्रतिदिन 3 कप कॉफ़ी के असर में यह पाया गया की उनमे टाइप-2 डायबिटिज़ के केस 40% कम देखने को मिले। यह रिसर्च साबित करती है की कॉफ़ी में मौजूद घटक ब्लड-शुगर को घटा कर डायबिटिज़ के खतरे को कम करता है।



कॉफ़ी के नुकसान 

कॉफ़ी तभी नुक्सान देती है जब इसकी मात्रा दिन के 3-5 कप से ज़्यादा हो । ज़्यादा कॉफ़ी पीने के कई नुक्सान है। शरीर में अत्यधिक कैफीन निम्नलिखित बिमारियों के रूप में शरीर पर बुरा असर डालता है।

1. अत्यधिक कैफीन अनिद्रा, घबराहट, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, पेट खराब, मतली, पानी की कमी, चक्कर, उल्टी का कारण है। 

2. ज़्यादा कॉफी अस्थाई तौर पर शरीर के तापमान को बढ़ा देती है। 

3. यह हमारी पाचन प्रक्रिया को गड़बड़ा कर अपच जैसी परेशानियाँ खड़ी कर देता है। 

4. ज़्यादा कॉफ़ी पीने से पहले आपको स्फूर्ति का एहसास होगा मगर बाद में अत्यधिक थकन होगी। 

5. यह ह्रदय गति को भी बढ़ा देती है। 

6. गर्भवती महिलाओं को कॉफ़ी का कम से कम सेवन करना चाहिए क्योकि यह गर्भपात और और जन्म देने की प्रक्रिया को मुश्किल करता है। 

स्तनपान कराने वाली माताएं भी इससे बचे तो ही अच्छा क्योकि माँ जितना भी कैफीन शरीर में लेती है उसका 0.06-1.5 % शिशु में दूध द्वारा पहुंच जाता है। जो शिशु के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है । 

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इसलिए ऐसी महिलाएं प्रतिदिन  <200mg कम कैफीन ही शरीर में पहुंचने दे जो लगभग <3 कप कॉफ़ी के बराबर होगा। 

7. कुछ लोग कैफीन के प्रति संवेदनशील (sensitive) होते है। ऐसे लोगो में कैफीन अधिक मूत्र का कारण बन जाता है। जिससे से उन्हें बार-बार मूत्र विसर्जन के लिए जाना पड़ता है। 

अंत में कुछ सवाल जो अक्सर लोगो के दिमाग में कॉफ़ी को लेकर आते है -

1. क्या रोज कॉफी पीना अच्छा है?

रोज़ 3-5 कप कॉफ़ी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। कॉफ़ी में कैफीन नाम का घटक होता जो शरीर में स्फूर्ति व ऊर्जा का संचार करता है। यह आपको थकन के एहसास से बचाता है व साथ ही आपमें एकाग्रता की सीमा को बढ़ा देता है। साथ ही इसमें कई एंटीऑक्सिडेंट्स मौजूद है जो शरीर हानिकारक घटक जिन्हे फ्री रैडिकल्स कहा जाता है उन्हें मारकर कर आपको जवान व कई रोगो जैसे ह्रदय रोग, कैंसर, डायबिटीज आदि से बचाता है। 

2. दिन में कितनी बार कॉफी पीना चाहिए?

हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ कहता है की यदि कोई व्यक्ति दिन में 3-5 कप कॉफ़ी का सेवन कर रहा है तो यह बहुत हद तक मुमकिन है वो टाइप-2 डायबिटीज़, ह्रदय सम्बंधित रोग, डिप्रेशन, लीवर सम्बंधित बीमारियों, Endometrial cancers (महिलाओं के गर्भाशय की दीवार का कैंसर), Parkinson’s disease, Alzheimer आदि दिमाग से सम्बंधित रोगो से 40 % कम प्रभावित होगा । 

3. दूध वाली कॉफी पीने के क्या फायदे हैं?

यदि आप कॉफ़ी में दूधमिलाकर पीते है तो निश्चित ही यह इसके स्वाद को बढ़ा देता है और साथ ही इसमें कैल्शियम व विटामिन-डी को भी जोड़ देता है। मगर साथ ही यह इसमें कैलोरी भी बढ़ा देता है। इसलिए यदि आप वज़न घटाने की कोशिश में है तो बेहतर है आप दूध वाली कॉफ़ी से बचे या फिर इसकी मात्रा दिन में 2 कप से ज़्यादा ना रखे। बाकी बाज़ार में कई प्रकार के कम चर्बी वाले दूध भी मौजूद है। उनका इस्तेमाल करना एक सही विकल्प होगा। वरना सामान्य व्यक्ति के लिए यह फायदेमंद ही है। 

4. क्या सुबह खाली पेट कॉफी पीनी चाहिए?

नहीं, सुबह खाली पेट कॉफ़ी पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है। कॉफ़ी में क्लोरोजेनिक एसिड, सिट्रिक एसिड, एसीटिक एसिड, फॉस्फोरिक एसिड इत्यादि एसिड मौजूद है।जिस कारण इसका  pH- 4.85 - 5.10 तक होता है जो बताता है की यह एक एसिडिक पेय है। इसलिए सुबह खाली पेट कॉफ़ी हमारे पेट की दीवारों पर एक जलन पैदा करती है जो अपच, सीने में जलन, गैस आदि की समस्या पैदा करती है। जिन लोगो को पेट व आँतों में अलसर की शिकायत है उन्हें तो ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। इसलिए कॉफ़ी सुबह उठने के करीब दो घंटे बाद ही पीनी चाहिए। 


Medically edited by:- 
Dr. Dolly