सर्दियों में हरी मेथी बाज़ारों में बहुत आसानी से मिल जाती है। साल में सिर्फ 3-4 महीने मिलने वाली इस हरी पत्तेदार सब्ज़ी में बहुत औषधीय गुण है। मेथी का स्वाद हल्का कसैला होने के बावजूद भी यह ज़्यादातर लोगो की सर्दियों में पसंदीदा सब्ज़ी होती है। आइये स्वाद के साथ-साथ जानते है मेथी खाने के फायदे जिनकी वजह से यह आपके स्वास्थ्य के लिए किसी रामबाण से कम नहीं।
मेथी की खेती सिर्फ एशियाई देशो जैसे भारत, चीन, पाकिस्तान, मिस्र, इराक आदि में ही होती है। वो भी उन्हीं जगहों पर और उसी समय जब मौसम कुछ ठंडा होता है। मेथी के पौधे में पत्ते और बीज दोनों ही खाने में इस्तेमाल होते है। मेथी दाना खड़े मसालों/साबुत मसालों में एक प्रमुख मसाला है जबकि मेथी के पत्ते सिर्फ ठन्डे मौसम में ही उपलब्ध हो पाते है क्योकि मेथी का पौधा हलकी ठंडक में ही पलता है।
मेथी के पोषक तत्व
प्रत्येक 100 ग्राम मेथी के पत्तों में, आपको लगभग मिलेगा:
कैलोरी: 323 किलो
वसा: 6.41 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट: 58 ग्राम
फ़ाइबर: 24.6 ग्राम
प्रोटीन: 23 ग्राम
विटामिन: विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी
आयरन: 33.53 mg
कैल्शियम: 176 mg
सोडियम: 67 mg
पोटेशियम: 770 mg
तांबा: 1.11 mg
मैग्नीशियम: 191 mg
फॉस्फोरस: 296 mg
जिंक: 2.50 mg
मेथी खाने के फायदे
1. कोलेस्ट्रॉल घटाती है
2. पाचन तेज़ करती है
मेथी में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। जिस कारण यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है। रिसर्च बताती है की फाइबर आँतों से पानी को सोख कर मल को ढीला व लिसलिसा करके कब्ज़ (constipation) जैसी समस्या को रोकता है। भोजन में फाइबर की मौजूदगी पेट को जल्दी साफ़ करती है। इसलिए हरी मेथी खाना आपके पेट को स्वस्थ रखने में मददगार है।
3. वज़न घटाने में सक्षम है व मांसपेशियों को मज़बूती देती है
कई रिसर्च बताती है की हरी मेथी चर्बी को घटाती है व मांसपेशियों को मज़बूती देती है। इस प्रकार यह आपकी कार्यक्षमता को बढ़ा देती है।
रिसर्च यह भी साबित करती है की मेथी शरीर में पाए जाने वाले एक यौगिक क्रिएटिन के अवशोषण को बढ़ा देती है। जो मांसपेशियों की मज़बूती के लिए अनिवार्य है।
मगर रिसर्च के मुताबिक़ क्रिएटिन बेहतर तरीके से तभी अवशोषित होता है जब इसे प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के जोड़ के साथ लिया जाता है।
एक औसत व्यक्ति को रोज़ाना 3-5 ग्राम क्रिएटिन की ज़रूरत होती है। जो किसी बॉडी बिल्डर के लिए 15-20 ग्राम तक भी पहुंच जाती है। मगर इतनी मात्रा में क्रिएटिन सिर्फ हफ्ते भर के लिए ही लिया जा सकता है । उसके बाद इसकी ओवर डोज़ से बचने के लिए मात्रा घटानी ज़रूरी है।
अमूमन 5 ग्राम क्रिएटिन को अगर 100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के साथ लिया जाता है तो यह 60% तक ही अवशोषित हो पाता है।
वही 5 ग्राम क्रिएटिन को अगर 50 ग्राम प्रोटीन और 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के साथ लिया जाए तो भी अवशोषण दर 60% ही रहती है।
दोनों ही सूरत में आपको 5 ग्राम क्रिएटिन को मांसपेशियों को मौजूद कराने के लिए काफी कैलोरी लेनी पड़ती है जो वज़न बढा सकती है। या फिर आपको उतनी कैलोरी को साथ के साथ जलाने के लिए दोगुना व्यायाम करने की ज़रूरत होती है।
मगर हरी मेथी में ऐसे गुण मौजूद है जो क्रिएटिन के अवशोषण को बढ़ा देता है। यानी मेथी खाने से आपको कैलोरी के बिना भी क्रिएटिन को अवशोषित करने का बेहतर विकल्प मिल जाता है।
4. बाल व त्वचा
रिसर्च के मुताबिक मेथी में फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन जैसे यौगिक होते हैं, जिनके सूजन रोधी व एंटी बैक्टीरियल प्रभाव होते हैं। साथ ही मेथी त्वचा पर मौजूद तेल ग्रंथियों से तेल की मात्रा को कम करके त्वचा पर दाने नहीं होने देती व डैंड्रफ जैसी स्थितियों से भी बचाती है। जो बालों के कमज़ोर होने की मुख्य वजह है। इन्हीं कारणों से बाल कमज़ोर होकर टूट जाते है।
मेथी में आयरन व प्रोटीन मौजूद है जो बालों की बढ़ोतरी में योगदान देता है ।
मेथी में कई विटामिन जैसे आयरन, एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन-C , A , व मैग्नीशियम आदि मौजूद होते है जो हमारी त्वचा के pH लेवल को ठीक रखकर उसे खूबसूरत व दमकदार बनाता है।
5. डायबीटीइज को कम करता है
आजकल डायबिटीज़ की बीमारी काफी आम है। यह एक बदली जीवनशैली से पनपी बिमारी है। जो एक बड़ी आबादी को प्रभावित कर रही है। डायबिटीज़ अपने पीछे कई भयंकर बीमारियां लाती है जैसे आँखों का कमज़ोर होना, ज़ख्मों का न भर पाना, हार्ट अटैक, स्ट्रोक (दिमाग की नस फटना), कमज़ोर मसूढ़े, किडनी की बीमारी, आदि।
रिसर्च बताती है की मेथी में कुछ ऐसे केमिकल मौजूद है जो खून में इन्सुलिन के रिसाव को बढ़ा देते है। खून में इन्सुलिन की ज़्यादा मात्रा का मतलब है खून में कम ग्लूकोस होना क्योकि इन्सुलिन अतिरिक्त ग्लूकोस को ग्लाइकोजन में बदल कर शरीर में जमा कर देता है। जो डायाबिटिक मरीज़ों के लिए काफी लाभप्रद है।
5. दूध पिलाने वाली माताओं की छातियों में दूध ज़्यादा बनाती है
रिसर्च बताती है की मेथी में डायोसजेनिन नाम का एक यौगिक मौजूद होता है। जो स्त्री शरीर के एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह ही काम करता है। जिस प्रकार महिला शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन, ग्रोथ हार्मोन व प्रोलैक्टिन हारमोन के रिसाव को बढ़ाता है उसी तरह का असर डायोसजेनिन भी दिखाता है। यह प्रोलैक्टिन हार्मोन को बढ़ा कर महिलाओं के वक्षों में अधिक दूध को निर्मित होने में मदद करता है।
6. पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है
कई रिसर्च बताती है की मेथी खाने से पुरषों में टेस्टोस्टेरोन हारमोन की मात्रा बढ़ जाती है। जो पुरषों में मर्दानगी के लक्षण देता है। फलतः टेस्टोस्टेरोन के बढ़ने से अधिक शुक्राणु बनने शुरू हो जाते है। इस प्रकार यह प्रजनन क्षमता को बढ़ा देती है।
7. महिला प्रजनन स्वास्थ्य
रिसर्च बताती है की मेथी खाने से माहवारी के समय दर्द में राहत मिलती है। यह गर्भाशय में होने वाले दर्दनाक संकुचन को आसान करती है व दर्द से राहत दिलाती है।
8. हड्डियों को मज़बूती देती है
एक उम्र के बाद हड्डियाँ कमज़ोर होने लगती है। तब ऑस्टिओक्लास्ट नाम की एक हड्डी की कोशिका अधिक बनने लगती है जो हड्डियों को अंदर से खाकर उन्हें भुरभुरा व कमज़ोर बना देती है। यही वजह है बुढ़ापे में फ्रैक्चर जल्दी हो जाता है व भरने में भी काफी समय लेता है।
रिसर्च बताती है मेथी मे मौजूद डायोसजेनिन शरीर में ऑस्टिओक्लास्ट के बनने को रोक देता है। मेथी में कैल्शियम, फॉस्फोरस व मैग्नीशियम भी मौजूद होता है जो हड्डियों को मज़बूत करता है अंततः ऑस्टियोपोरोसिस होने से रोकता है।
मेथी खाने के नुकसान
एक दिन में आप एक या दो कप मेथी के पत्तों का ही सेवन करे। वो भी सिर्फ पकाकर। मेथी की तासीर गर्म होती है। ज़्यादा मात्रा में खाने पर यह नुकसान भी कर सकती।
1.गर्भवती महिलाएं
2. पेट ख़राब
रिसर्च बताती है मेथी में फाइबर बहुत अधिक होता है जिसकी ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा पेट ख़राब कर देती है। इस कारण आपको दस्त, पेट में ऐठन, दर्द, व चक्कर आना जैसी समस्यां हो सकती है।
3. हाइपोग्लाइसेमिक
जैसा की मेथी शरीर में ब्लोड्ड ग्लूकोस लेवल को घटाती है तो हाइपोग्लाइसेमिक मरीज़ (वो मरीज़ जिनके खून में पहले ही ग्लूकोस बहुत काम होता है) उन्हें मेथी का सेवन नहीं करना चाहिए।
साथ ही डायबिटीक लोगो को भी इसके इस्तेमाल के साथ अपने ब्लड ग्लूकोस लेवल को चेक करते रहना चाहिए ताकि यह ज़रूरत से ज़्यादा कम भी ना हो जाए।
कुछ सवाल
1. हरी मेथी खाने से क्या लाभ होता है?
हरी मेथी खाने से हड्डियाँ मज़बूत होती है, बाल बढ़ते है, त्वचा चमकदार होती, ब्लड शुगर कम होती है, माहवारी के समय दर्द में राहत मिलती है, शुक्राणु अधिक बनते है, वज़न घटता है, कोलेस्ट्रॉल कम होता है जिससे हार्ट अटैक व स्ट्रोक की समस्या नहीं होती।
2. मेथी कौन सी बीमारी में काम आती है?
मेथी कई बिमारियों जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटिज़, कैंसर, कब्ज़, शुक्राणु का कम बनना, अत्यधिक वज़न, रक्त धमनियों का सख्त हो जाना, हड्डियों का कमज़ोर होना, महिलाओं की ब्रेस्ट में कम दूध बनना जैसी बीमारियों में काम आती है।
3. हरी मेथी में कितना प्रोटीन होता है?
हरी मेथी में प्रोटीन: 23 ग्राम, कैलोरी: 323 , वसा: 6.41 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट: 58 ग्राम, फ़ाइबर: 24.6 ग्राम, विटामिन: विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी, आयरन: 33.53 mg, कैल्शियम: 176 mg , सोडियम: 67 mg , पोटेशियम: 770 mg , तांबा: 1.11 mg , मैग्नीशियम: 191 mg , फॉस्फोरस: 296 mg, जिंक: 2.50 mg आदि मौजूद है।
4. क्या पुरुषों को मेथी लेनी चाहिए?
कई रिसर्च बताती है की मेथी खाने से पुरषों में टेस्टोस्टेरोन हारमोन की मात्रा बढ़ जाती है। जो पुरषों में मर्दानगी के लक्षण देता है। फलतः टेस्टोस्टेरोन के बढ़ने से अधिक शुक्राणु बनने शुरू हो जाते है। इस प्रकार यह प्रजनन क्षमता को बढ़ा देती है।
5. मेथी का तासीर क्या होता है?
मेथी की तासीर गर्म होती है। ज़्यादा मात्रा में खाने पर यह नुकसान भी कर सकती। गर्भवती महिलाओं को मेथी का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए, क्योंकि अधिक मेथी का सेवन गर्भपात और प्रीमेचर डिलीवरी का कारण बन सकता है। मेथी में अधिक फाइबर की मात्रा पेट को खराब कर सकती है, जिससे दस्त, पेट में ऐठन, दर्द, और चक्कर आने की समस्याएं हो सकती हैं। हाइपोग्लाइसेमिक और डायबिटिक व्यक्तियों को भी मेथी का सेवन सावधानी से करना चाहिए, ताकि उनका ब्लड ग्लूकोस लेवल नियंत्रित रहे।