केला खाने के 10 चमत्कारी फायदे I Health Benefits of Banana

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शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने कभी केला ना खाया हो। बचपन से ही हम सुनते आ रहे है की केला खाने के फायदे काफी है। ये सालभर मौजूद रहने वाला फल जितना स्वादिष्ट है उतना ही सेहत के लिए फायदेमंद भी। 

kela khane ke fayde


लोग केले को अलग-अलग तरीकों से खाकर अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ इससे पोषण लेने की कोशिश करते है। मगर कोई भी तरीका कितना कारगर है यह बात बिना वैज्ञानिक आधार बिलकुल वैसी है जैसे बिना ज़मीन कोई इमारत। इसलिए किसी भी फल के फायदे जानने के लिए उसका वैज्ञानिक आधार जानना ज़रूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको सरल तरीके से केला खाने के फायदे उनके वैज्ञानिक आधार के साथ बताएँगे। 

केले का इतिहास

केले का इतिहास करीब 10000 साल पुराना है। केले की यात्रा प्रशांत महासागर में मौजूद एक बड़े से द्धीप, न्यू गिनी से शुरू होकर पूरे विश्वभर में फैल गई। कुछ वैज्ञानिक तो इसे दुनिया का पहला फल भी मानते है। भारत में केले को पिछले 6000 साल से उगाया जा रहा है। 

केले की खेती को थोड़ा गर्म, आद्रता (नमी) से भरा मौसम चाहिए होता है। यही कारण है केला एशिया, मध्य पूर्व व अफ्रीका जैसे देशों में सबसे ज़्यादा उगाया जाता है। जिनमे भारत पूरे विश्व में पहले स्थान पर है। केले का सबसे बड़ा उत्पादक होने के कारण भारत में केले की खपत भी सबसे ज़्यादा है। अकेले भारत में पूरे विश्व के केले के उत्पादन के 1/4 केले खा लिए जाते है।  

केले के पोषक तत्व  

1 मध्यम (7" से 7-7/8" लंबा) (115 ग्राम) केला

कैलोरी- 112 

कुल वसा - 0.3 grams

कुल कार्बोहाइड्रेट -26 grams

आहारीय फ़ाइबर - 2 grams

शर्करा -14 grams

प्रोटीन -0.9  grams

कैल्शियम -5.8 mg

आयरन -0.3 mg

पोटेशियम -375 mg

ज़िंक - 0.18 mg

सोडियम -1.2 mg

फॉस्फोरस - 25.30  mg

मैगनीज़ - 0.297 mg

मैग्नीशियम - 32.20 mg

कॉपर - 12 mg

विटामिन बी-1 - 0.064 mg

विटामिन बी-3 -  0.761 mg

विटामिन बी-6 - 240 mg

विटामिन C  - 14.8 mg

विटामिन A - 1.15 mcg

केला खाने के फायदे 

1. ह्रदय रोग

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एक रिसर्च के मुताबिक़ आहारीय पोटाशियम व मैग्नीशियम दोनों ही ह्रदय सम्बन्धी रोगो को दूर रखते है।

पोटाशियम हमारे तंत्रिका तंतुओं को उत्तेजित करता है ताकि वह ह्रदय मांसपेशियों को सटीक संकुचन (contraction) के लिए सन्देश दे सके और हमारा ह्रदय सही तरह से खून पंप करता रहे। 

साथ ही पोटाशियम एथेरोस्केलेरोसिस नाम की बिमारी को रोकता है। जिसमे रक्त धमनियों की दीवारे सख्त हो जाती है जिसकी वजह से रक्चाप (blood pressure) बढ़ जाता है।

केले में फ्लेवनॉइड्स भी मौजूद होते है जो ह्रदय स्वास्थ्य के लिए काफी ज़रूरी है। 

हमे रोज़ाना 4700-5000 mg पोटाशियम की ज़रूरत होती है और केले से हमे करीब 375 mg पोटाशियम मिल जाता है। जो हमारी दैनिक ज़रूरत का लगभग 10% है। इसलिए प्रतिदिन केले को आहार में शामिल करना चाहिए। 

2. कब्ज़ से राहत 

भोजन में फाइबर भोजन को जल्दी पचने में मददगार होता है। आमतौर पर हमें  28-30 mg फाइबर की ज़रूरत होती है। जबकि करीब 100 से 125 ग्राम केले में दो से तीन मिलीग्राम फाइबर मौजूद होता है। जो हमारी फाइबर की लगभग 10% जरूरत को पूरा कर देता है।  

केले में दो तरीके का फाइबर पाया जाता है। 

कच्चे केले में स्टार्च मौजूद होता है जो एक तरह का फाइबर है। मगर हमारा पेट इसे पचा नहीं पाता। ऐसे फाइबर को प्रीबायोटिक कहा जाता है। यानि ऐसा फाइबर जिसे इंसान पचा नहीं सकता। मगर इस तरह का फाइबर हमारे पाचन तंत्र में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का भोजन होता है। यह बैक्टीरिया इस फाइबर को फरमेंट करके इसे वसा के अणु में बदल देते है। जो ऊर्जा के स्रोत की तरह काम करते है। 

केले में पेक्टिन नाम का एक घुलनशील फाइबर भी पाया जाता है। जो कच्चे और पके केले दोनों में मिलता है। पेक्टिन पेट में जाकर अपने लिसलिसेपन की वजह से खाने को आँतों में आगे की तरफ धकेल देता है। जिसकी वजह से कब्ज़ आदि की समस्या नहीं पैदा होती। 

3. वज़न कम कर सकता है 

केले में ऐसा कुछ मौजूद नहीं जिससे आप सिर्फ केले खाकर अपना वज़न घटा सको। हां, मगर यह आपके वज़न घटाने की प्रक्रिया में एक सहायक फल साबित हो सकता है। 

केले में करीब 26 gm कार्बोहाइड्रेट के साथ कई विटामिन्स व खनिज पाए जाते है। जिस वजह से यह अपने आप में एक एनर्जी पैकेट है। भूख तृप्ति स्कोर (Satiety score= जो 0-5 के बीच मापी जाती है, बताती है की कोई भी फल या भोजन आपकी भूख को कितने हद तक तृप्त करता है ) इस पर केले को 2.5 का स्कोर मिलता है। 

इसलिए जो लोग वज़न कम करना चाहते है वह हल्की भूख महसूस होने पर भोजन की बजाय यदि एक केला खा ले तो यह आपको भोजन की अत्यधिक कैलोरी से बचा सकता है। 

4. डायबिटीज़ 

केले का ग्लाइसिमिक इंडेक्स (GI ) कम होता है। यानि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर में पहुंचने पर एकदम से खून में शुगर की मात्रा को नहीं बढ़ने देता। जो डायबिटीज़ के मरीज़ के लिए फायदेमंद बात है। इसलिए डायबिटीज़ के मरीज़ एक बार की ज़्यादा से 50-60 gm केला खा सकता है। ध्यान रहे यदि डायबिटीज़ का मरीज़ रोज़ आधा केला भी खा रहा है तो उसे साथ-साथ अपने ब्लड शुगर लेवल को भी चेक करते रहना होगा। 

हमारा शरीर ग्लूकोस से ही ऊर्जा प्राप्त करता है। उमूमन एक व्यक्ति जब भी कोई कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन ग्रहण करता है तो यह आँतों से अवशोषित होकर ग्लूकोस के रूप में खून में पहुँचता है। जिसके बाद अग्न्याशय (pancreas) से इन्सुलिन नाम का हार्मोन खून में रिसने लगता है। जो एनर्जी के इस्तेमाल के बाद बचे ग्लूकोस को ग्लाइकोजन में बदल कर कोशिकाओं में संचित कर देता है। 

मगर डायबिटीज़ के मरीज़ में अग्न्याशय की इन्सुलिन बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो चुकी होती है। परिणामस्वरूप इन्सुलिन के आभाव में ग्लूकोस खून में ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाता है। जो डायबिटीज़ के मरीज़ में जल्दी पेशाब आना, प्यास का बढ़ना, धुंधली दृष्टि, कमज़ोरी या असामान्य रूप से थकान महसूस होना, सूखा मुंह, पेट में दर्द, मतली और उल्टी, सांस लेने में कठिनाई, भ्रम, होश खो देना आदि जैसी समस्याएँ पैदा कर देता है। ऐसे में मरीज़ को तुरंत उपचार की ज़रूरत होती है अन्यथा मरीज़ की मौत भी हो सकती है।  

 5. एंटी-कैंसर

रिसर्च बताती है की पके केले में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते है। पके केले के छिलके पर मौजूद काले धब्बो में ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF) नाम का पदार्थ बनता है जिसमे एंटी-कैंसर गुण होते है। रिसर्च के मुताबिक यह कैंसर की बढ़ती कोशिकाओं के प्रोलीफेरेशन को रोककर कोशिका चक्र को पूरा नहीं होने देता। जिससे कैंसर की कोशिका नहीं बन पाती।  

6. गठिया व ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस 

रिसर्च बताती है की केले में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते है। जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते है। ऑक्सीडेटिव तनाव हमारे शरीर को धीमे-धीमे कमज़ोर करके हमे बूढा व बीमार कर देता है। 


केले में विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक यौगिक जैसे कई अन्य यौगिक मौजूद होते हैं जो सूजन-रोधी प्रभाव दिखाते हैं। इस कारण केला खाने से गठिया जैसी बीमारी में हड्डियों के जोड़ों में होने वाली जलन और सूजन से राहत मिलती है।

7. आँखों की रौशनी बढ़ा सकता है 

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आँखों को स्वस्थ रहने के लिए विटामिन-ए की ज़रूरत होती है। मगर केले में विटामिन-ए यानी रेटिनॉल पहले से मौजूद नहीं होता। इसके चटक पीले रंग की वजह से इसमें कैरोटिनोइड्स (carotenoids) पाया जाता है। जो एक तरह का प्रोविटामिन-ए है। ये प्रोविटामिन-ए हमारे शरीर में पहुँचते ही विटामिन-ए जिसे रेटिनॉल भी कहा जाता है उसमे बदल जाता है।  

हालांकि केले से विटामिन-ए मिलता है। मगर यह आँखों को स्वस्थ रहने में कितनी भूमिका निभा पाता है ऐसी कोई खास रिसर्च मौजूद नहीं है।  

8. मांसपेशियों में ऐंठन व सूजन

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अक्सर जो लोग जिम जाते है उनके एक्सरसाइज़ के बाद केले खाने को कहा जाता है। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है की केले में भरपूर पोषण मौजूद होता है। वो तो एक वजह है की 
एक्सरसाइज़ के बाद केले खाने चाहिए।

मगर एक्सरसाइज़ के समय शरीर से पसीने के साथ पोटाशियम और मैग्नीशियम भी निकल जाता है। जिस वजह से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ जाता है।इलेक्ट्रोलाइट की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन व सूजन जैसी समस्यांए देखने को मिलती है। 

केले में भरपूर पोटाशियम व मैग्नशियम पाए जाते है जो इलेक्ट्रोलाइट की तरह काम करते है। इसलिए एक्सरसाइज़ के बाद केले खाना मांसपेशियों में ऐंठन व सूजन नहीं होने देता। 

9. पुरुषों के लिए केला खाने के फायदे

केले में पोटाशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को सही रखकर शरीर में तरल को भी संतुलित रखता है। तरल शुक्राणुओं के सही तरह से बहने के लिए बहुत जरूरी है। यही कारण है केला खाने से वीर्य बढ़ता है। साथ ही केले में विटामिन बी-6 पाया जाता है जो स्वस्थ शुक्राणु की उत्पत्ति को बढाकर इनकी संख्या बढ़ा देता है। 

10. मूड को बेहतर करता है 

केले में एक ज़रूरी एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन (tryptophan) पाया जाता है जो शरीर में एक हॉर्मोन सेरोटोनिन (serotonin) के लेवल को बढ़ा देता है। सेरोटोनिन हॉर्मोन का दिमाग पर एक सकारात्मक असर होता है जो मूड को बेहतर करता है। साथ ही यह अनिद्रा, तनाव व अवसाद जैसी समस्याओं को दूर करता है।  

केला खाने का सही समय या तरीका क्या है ? 

केले में मौजूद पोषक तत्त्वों के हिसाब से लोगो की अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से केला खाने का समय या तरीका अलग-अलग हो सकता है। जैसे -

1. वज़न बढ़ाने के लिए

जो लोग वज़न बढ़ाने की कोशिश कर रहे है उनके लिए सुबह के समय दूध के साथ केला लेना फायदेमंद होता है। केला और दूध मिलकर आपको काफी कैलोरी देते है जो धीमे-धीमे वज़न को बढ़ा देती है। 
यदि आप चाहते है की केले और दूध से आपका वज़न बढ़ जाए तो आपको इस बात का भी ख्याल रखना भी ज़रूरी है की आप अपनी दिनचर्या में मांसपेशीय काम करके कितनी कैलोरी जला रहे है।   

2. वज़न घटाने के लिए 

यदि आप वज़न घटाना चाहते है तो हल्की-फुल्की भूख पर बजाय कोई भोजन या स्नैक खाने से केला खाना अधिक फायदेमंद होता है। केला में चर्बी ना के बराबर होती है। साथ ही इसमें वज़न घटाने में सहायक कार्बोहाइड्रेट, खनिज और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते है। जो आपको एनर्जी के साथ-साथ ताकत भी देते है। साथ भूख के सहनत करने के स्कोर पर केले को 2.5 स्कोर मिलता है जो बताता है केला खाने पर आपको पेट भरा होने की संतुष्टि अच्छी तरह हो जाती है।  

3. वर्कआउट के बाद 

कसरत के समय खूब पसीना निकलता है जिस वजह से शरीर से पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स पसीने के साथ शरीर से बाहर निकल जाते है और इस तरह शरीर का एल्क्ट्रोलाइट बैलेंस खराब हो जाता है जो मांसपेशियों के सुचारु रूप से चलते रहने के लिए बहुत ज़रूरी है। इसी कारण भारी कसरत के बाद मांसपेशियों में ऐठन और सूजन जैसी परेशानी देखने को मिलती है। केले में भरपूर पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स मौजूद है जो एल्क्ट्रोलाइट को बैलेंस करके इस समस्या को दूर रखते है। 

4. वर्कआउट से पहले 

यदि आप भारी कसरत करते है जहाँ आपको खूब मेहनत करनी पड़ती है तो ऐसे में वर्कआउट से पहले केला खाना आपको एनर्जी देगा। केले में ऐसा कार्बोहायड्रेट मौजूद है जो वज़न नहीं बढ़ने देता क्योकि यह खून में पहुंचकर एकदम खून में ग्लूकोस का लेवल नहीं बढ़ाता। 

5. नाश्ते में केला खाने के फायदे 

नाश्ते में केला खाना फायदेमंद होता है। केला में चर्बी ना के बराबर होती है। साथ ही इसमें वज़न घटाने में सहायक कार्बोहाइड्रेट, खनिज, फाइबर और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते है। जो आपको एनर्जी के साथ-साथ ताकत भी देते है। जो आपको दिनभर के लिए चुस्त रखता है। 
ऐसे लोग जो केले के लिए एलेर्जिक या सेंसिटिव है उन्हें खाली पेट केला खाना नुकसान देता है। ऐसे लोगो को खाली पेट केला खाने से पेट ख़राब, मतली जैसी समस्या हो सकती है। 

6. रात को सोने से पहले 

केले में एक ज़रूरी एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन (tryptophan) पाया जाता है जो शरीर में एक हॉर्मोन सेरोटोनिन (serotonin) के लेवल को बढ़ा देता है। सेरोटोनिन हॉर्मोन का दिमाग पर एक सकारात्मक असर होता है जो मूड को बेहतर करता है। साथ ही यह अनिद्रा, तनाव व अवसाद जैसी समस्याओं को दूर करता है। जो बताता है की रात में केला खाने से सेरोटोनिन के असर से आपको नींद अच्छी आती है।   

कुछ सवाल 

1. केले कब नहीं खाना चाहिए ?

चिकित्सा की दृष्टि से ऐसी बीमारी जैसे जहाँ शरीर में पोटाशियम ज़्यादा हो उस समय केला नहीं खाना चाहिए। जिन लोगो की किडनी ख़राब हो जाती है तो वह खून छानने की ताकत को खो देती है। ऐसे लोगो को केले से दूर रहना चाहिए क्योकि इसमें काफी पोटासियम व मैग्नीशियम मौजूद होता है। 

दूसरा जब तक केला बाहर से भूरा या काला है मगर अंदर कोई दाग ना हो तो केला खाने लायक है। मगर जब केला अंदर से भी काला पड़ने लगे व इसमें जगह-जगह झाग के सा बुलबुला दिख जाए तो यह सड़ना शुरू हो चुका होता है तो ऐसा केला नहीं खाना चाहिए। 

2. क्या केले हाई फैट होते है ?

नहीं, केले में ना के बराबर फैट होता जिससे वजन नहीं बढ़ सकता। इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है, यह भी एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो वजन घटाने में मदद करता है। चयापचय के बाद कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है। बाद में इंसुलिन की मदद से अप्रयुक्त ग्लूकोज ग्लाइकोजन के रूप में कोशिकाओं में जमा हो जाता है। लेकिन एक समय के बाद यह फैटी एसिड अणुओं में परिवर्तित हो सकता है और शरीर में वसा बढ़ा सकता है।

3. 1 दिन में कितने केले खा सकते है ?

1 दिन में 1-2 केले ही खाने चाहिए। केले में मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट होता है। वैसे तो यह एक हेल्थी कार्बोहाइड्रेट होता है। मगर कोई भी कार्बोहाइड्रेट शरीर में पहुंचने पर ग्लूकोस में बदल जाता है जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है। अंततः इन्सुलिन की मदद से बिना इस्तेमाल किया हुआ ग्लूकोस ग्लाइकोजन के रूप में कोशिकाओं में इकठ्ठा हो जाता है। मगर एक समय बाद ये फैटी मॉलिक्यूल्स में बदल कर शरीर में चर्बी बढ़ा सकता है। 

4. केला खाने से शरीर में क्या फायदा होता है?

केला खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है, कब्ज़ से राहत मिलती है, ह्रदय स्वस्थ रहता है, मांसपेशियों में ऐंठन व सूजन नहीं होती, गठिया में जोड़ो के दर्द, जलन, व सूजन से राहत मिलती है, मर्दों में वीर्य बढ़कर शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करके डायबिटीज़ के मरीज़ो को राहत देता है। 

Medically edited by:- 
Dr. Dolly